जेबीकेएसएस अर्थात

झारखंड बचाओ क्रांति सेना समिति (JBKSS) एक संघर्ष का नाम है।

जेबीकेएसएस

यह एक मिशन है। झारखंड के नवनिर्माण का।

जेबीकेएसएस के बारे में

जेबीकेएसएस अर्थात झारखंड बचाओ क्रांति सेना समिति (JBKSS) एक संघर्ष का नाम है। यह संगठन संघर्ष से ऊपजी है। हम जुल्म के खिलाफ न्याय के लिए संघर्ष में विश्वास रखते हैं। संगठन की यह सोच है की झारखंड की साझी विरासत को सहेजकर रखना है। झारखंड की भाषा, खतियान, संस्कृति, माटी के संरक्षण को लेकर हम संकल्पित हैं। संरक्षण के इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए हम साझा संघर्ष कर रहे हैं। हमारा संघर्ष अनवरत और लगातार जारी है।

साझी विरासत और साझा संघर्ष में हम विश्वास रखते हैं। हम अपने संघर्ष को सफल बनाने को लेकर सभी वर्गों को साथ जोड़कर चल रहे हैं। यह संगठन झारखंडी जनमानस के भावनाओं का अपना परिवार है। यह एक मिशन है। झारखंड के नवनिर्माण का।

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भाषा का संबंध हमारी जड़ों से है। यह हमारी बुनियाद है। यह हमारे अस्तित्व से जुड़ा प्रश्न है। हम अपनी भाषाओं से भावनात्मक तौर पर जुड़े हैं। हमने यह पाया है की विकास के इस दौर में भाषाई तौर पर हमारा विकास नहीं हो पाया। हमारी क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषा का विकास नहीं हो पा रहा है। हम अपनी भाषाओं के विकास, पहचान, नियुक्तियों में क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषाओं की प्राथमिकता के लिए कृत्संकल्पित हैं। हम सभी भाषाओं, बोली का सम्मान करते हैं। हम यह चाहते हैं की हमारी भी बोली, भाषा को एक राष्ट्रीय पहचान मिले। हमारी भाषाओं के आधार पर भी बड़ी इंडस्ट्री हो। हम अपनी भाषाओं से दुनिया को परिचय करा सकें हम इसकी अभिलाषा रखते हैं।

हम समान अधिकारों को जन - जन तक पहुंचाना चाहते हैं। सामाजिक असमानता से निपटना हमारा पहला उद्देश्य है। संविधान की मूल भावना को जमीन पर उतारना हमारा संकल्प है। हम हर एक झारखंडी जनमानस के हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हमारे पुरखों ने जिस सुंदर झारखंड का सपना देखा था हम उसे साकार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हम अपने आदर्शों बाबा साहब भीम राव अंबेडकर, बिरसा मुंडा, सिद्धु – कान्हू, नीलांबर - पीतांबर, शहीद निर्मल महतो , स्व बिनोद बिहारी महतो, शेख भिखारी सहित सभी झारखंडी क्रांतिकारियों के सोच को जमीन पर उतारने के लिए संघर्षरत हैं।

हम हर एक झारखंडी जनमानस को विकास में बराबर का भागीदार बनाने के लिए संकल्पित हैं। समान शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक विकास के लिए हम पिछड़े, दलित, आदिवासी, वंचित, शोषित, पीड़ित लोगों को विकास के सफर में प्राथमिकता के केंद्र में रखना चाहते हैं। झारखंडी अस्मिता और पहचान

झारखंड हमारे लिए सिर्फ एक माटी का टुकड़ा नहीं है। पूर्व में दक्षिण बिहार का यह इलाका हमेशा से शोषण का शिकार रहा है। 15 नवंबर 2000 को जो एक राज्य के तौर पर हमें पहचान मिली है वह वर्षों के संघर्ष के बाद हासिल हुआ है। आज हमारी पहचान एवं झारखंडी अस्मिता खतरे में है। हमारे ऊपर चारों तरफ से हमला है। हमारे ऊपर कई शक्तियों का अतिक्रमण है। हमारे जमीनों पर कॉरपोरेट ताकतों की नजर है। हमारे खनिजों के खनन के बदले हमें सिर्फ आंसू, गोली, लूट और फर्जी मुकदमे मिले हैं। यह सारे कारक हमारे विकास में बाधक बन रहे हैं। झारखंड के विकास में बाधक कारणों को हम जड़ से समाप्त करना चाहते हैं। हम विस्थापित लोगों के बेहतर पुनर्वास एवं मुआवजे के लिए संकल्पित हैं। सीधे तौर पर हम झारखंड के शोषण, दमन के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। इस लड़ाई की सफलता में ही हमारी अस्मिता सुरक्षित रहेगी।

हम आधी आबादी के पूर्ण अधिकार को लेकर संकल्पित हैं। हम लैंगिक समानता के पक्षधर हैं। हम महिलाओं के बराबरी के हक के लिए अनुकूल सामाजिक व्यवस्था चाहते हैं। महिलाओं के कौशल में वृद्धि को लेकर हम रचनात्मक विषयों पर काम करना चाहते हैं। हमारी यह सोच है की महिला विकास में सामाजिक विकास निहित है। सशक्त महिला से ही अगली पीढ़ियों का भविष्य उज्ज्वल होगा।

हम युवाओं से अपनी राजनीतिक चेतना को झारखंड की सेवा में समर्पित करने का आह्वान करते हैं। हम यह चाहते हैं की युवा बौद्धिक तौर पर समृद्ध हो। सामाजिक, राजनैतिक विकास पर युवा चिंतन करे। नेतृत्व करने के लिए युवा आगे आए। हम अगले एक दशक में झारखंड को संवारने का संकल्प लेकर चल रहे हैं। इसमें हम युवाओं की भागीदारी पहली पंक्ति पर चाहते हैं। हम यह सोच रखते हैं की युवा आबादी वैचारिक तौर पर झारखंड को अपना योगदान दे। नए विचारों के साथ झारखंड को समृद्ध बनाने का संकल्प ले। युवा समाज को नेतृत्व प्रदान करे।

खतियान हमारे माटी की पहचान है। हम इस माटी के असली मालिक हैं यह इस बात की गवाही है। यह हमें अपने जमीनों के पहचान से कानूनी तौर पर जोड़ता है। हम इस माटी के कितने पुराने मालिक हैं खतियान इसी बात का परिचय देता है। खतियान हमारे लिए सिर्फ परिचय और पहचान से जुड़ा मसला नहीं है। बल्कि खतियानी झारखंडी होने का हमें गर्व भी देता है। हम खतियान को असली झारखंडी होने का प्रमाण मानते हैं। हम झारखंड में खतियान के आधार पर स्थानीयता को परिभाषित करने की वकालत करते हैं। साथ ही हम सह अस्तित्व बनाए रखने में भी विश्वास रखते हैं। हम संविधान की मूल भावना से सरोकार रखते हैं।

हमारी संस्कृति विशिष्ट है। अतुल्य है। मूलतः हम जल, जंगल, जमीन को पूजते हैं। उसका संरक्षण करते हैं। क्योंकि वही हमारे अस्तित्व का आधार है। हमारी संस्कृति में विभिन्नता है।

उत्तरी छोटानागपुर, दक्षिणी छोटानागपुर, पलामू, कोल्हान, संथाल सभी क्षेत्रों की अपनी विशिष्टता है। सभी क्षेत्रों की विशेष संस्कृति है। यही हमारे पहचान का आधार है।

झारखंड को एक सूत्र में पिरोने के लिए हमारे नाच, गान, परब, त्योहारों की महत्वपूर्ण भूमिका है। हम अपनी सांस्कृतिक विरासत एवं परंपरा के विकास, संरक्षण, संवर्धन के लिए कृत्संकल्पित हैं। हम अपनी संस्कृति को अपने जीवन का आधार का मानते हैं।

हम साझी विरासत, संस्कृति को आगे बढ़ाने की सोच रखते हैं। हम भाषाई मौलिकता, पहचान, संस्कृति को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

सामाजिक समानता कायम करना हमारी पहली प्राथमिकता है। संविधान अवसर की समानता देता है लेकिन धरातल पर यह लागू नहीं हो पा रहा है। हम यह चाहते हैं की सामाजिक समानता का संकल्प पूर्ण हो। इसके लिए जरूरी है की एक उत्तरदायी शासन व्यवस्था हो। जवाबदेह सरकार हो। ईमानदार नौकरशाही हो। तभी हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर पाएंगे। झारखंड की माटी में लोग अपने ही माटी पर विस्थापित होकर रह रहे हैं। अपनी जमीन देकर लोग बेघर हो रहे हैं। कॉरपोरेट ताकतें पुनर्वास की चिंता नहीं करती। न आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने पर सोचती है। ऐसे में एक असमानता के साथ - साथ यहां आक्रोश भी पनप रहा है। हम समानता के साथ सामाजिक संतुलन को स्थापित करना चाहते हैं। सभी तक रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य की पहुंच को सुलभ करना चाहते हैं।

हम झारखंड के विकास के लिए नीतियों पर कार्य कर रहे हैं। हम इसके लिए युवा पीढ़ी के शिक्षित, अपने - अपने क्षेत्र के विशेषज्ञों को अपने साथ जोड़ रहे हैं। वैसे युवा जिन्होंने देश - विदेश से शिक्षा ग्रहण की है। जो झारखंड के लिए कुछ करने का सोच रखते हैं। जो झारखंड में नीतिगत समाधान के लिए अपना योगदान देना चाहते हैं। नीतियों का ड्राफ्ट तैयार करना चाहते हैं वैसे नौजवानों, बुद्धिजीवियों को हमलोगों ने अपने साथ जोड़ा है। हम शिद्दत के साथ झारखंड नवनिर्माण की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।